Corona काल के दौरान महामारी से निपटने के लिए तीन हज़ार कर्मचारियों को प्रदेश भर में out source भर्ती किया गया था.जिसके बाद हर जिला के COVID के center में कर्मचारियों का अनुबंध तीस जून को खत्म हो गया है.
ऐसे में अब outsource कर्मचारी सरकार से अनुबंध बढ़ाकर उनके लिए स्थाई policy बनाकर भविष्य सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं.कुन्नू ज़िला में covid कर्मचारी staff मोहिनी शर्मा ने कहा कि वे एक dedicated covid care center में पिछले तीन सालों से सेवाएं दे रही हैं और अब विभाग की तरफ से उन्हें काम पर आने के लिए मना कर दिया गया है.
मोहिनी का कहना है कि अब इस निर्णय के बाद उन्हें बेरोज़गारी का डर सताने लगा है और अपने परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो रहा है.तो हम चाहते हैं कि स्थाई नीति बना दी जाए, उस दौर में हमने काम किया है जिस वक्त कोई भी हो हमारे उनके साथ नहीं खड़ा हो रहा था.
हम लोगों ने लोगों का साथ दिया है उस वक्त कोई भी आगे नहीं आ रहा था लेकिन हम लोग आगे आए, हम लोगों ने आगे मोर्चा संभाला, हम लोगों ने patients देखे हैं लेकिन please सरकार इस बारे में हमारे बारे में सोचे, हमारा भविष्य सुरक्षित करें.
अन्य staff नर्स का कहना है कि उन्होंने covid जैसे मुश्किल दौर में समाज के हर तबके को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की है और अब इस तरह नौकरी पर ना आने का आदेश उनके भविष्य के साथ नाइंसाफी है.
उन्होंने सरकार से covid कर्मियों के हित में उचित फ़ैसला लेने की मांग की है. उन्होंने कहा – हम तीन साल से यहां पर काम कर रहे हैं और यहां पर ऐसे बहुत से ऐसे बहुत से है हमारे staff है, कि जो बाहर से भी आए हैं बाहर और district से भी आए हैं. तो उन लोगों को वह किराए पर रह रहे हैं यहां पर.तो उन लोगों को वेतन भी नहीं मिल रहा इतने time से.
तो उन लोगों को किराया भी देखो pending है और वह बाहर से काम करने आए तो कोई साधन नहीं है, हमारे पास और तीन साल से हम लोग काम कर रहे हैं, तो हम लोगों के बारे में कुछ नहीं सोचा जा रहा है.तो यह सोचो ना कि हम तीन साल बाद कहां जाएंगे हम लोग?
तो इस प्रकार से आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगो के लिए सरकार से समर्थन कर रहे हैं.
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