हिमाचल न्यूज़ : शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने कहा है कि आपदा के बीच केंद्र लगातार हिमाचल की मदद कर रहा है और इसी कड़ी में राहत सामग्री प्रभावित लोगों तक पहुंचाने का लगातार प्रयास जारी है.
मीडिया से बातचीत में सुरेश कश्यप ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर यह सामान तुरंत उन इलाकों में भेजी जाएगी, जहां लोगों की फसलें तबाह हुई हैं और ऐसे लोग जो बेघर होने के बाद दूसरी जगह शरण दिए हुए हैं
उन्होंने कहा कि हिमाचल में भारी वर्षा से हुई आपदा शुरू होने से अभी तक केंद्र सरकार द्वारा करोड़ रुपए मदद स्वरूप दिए गए हैं.उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रों की तरफ से प्रदेश को लगातार NDRF की टीमें भेजने के साथ साथ वायु सेना के हेलीकाप्टर भी दिए गये हैं
उन्होंने कहा – आपदा की निरंतर पूरी स्थिति का आकलन करते हुए केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदेश को दे रहा है.अभी तक छह सौ बाइस करोड़ रुपया हिमाचल प्रदेश को दे दिया गया, जिसमें सात जुलाई को एक सौ अस्सी करोड़ रुपया, दस जुलाई को एक सौ अस्सी करोड़ रुपया और सात अगस्त को एक सौ नवासी करोड़ रुपए की राशि दी गई
और पिछले कल माननीय जगत प्रकाश नड्डा जी हिमाचल प्रदेश में आए थे और दो सौ करोड़ रुपए की राशि की उन्होंने घोषणा की और आज यह प्रदेश सरकार के खाते में पैसा आ गया है.इसके अलावा चार सौ करोड़ रुपए की राशि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जीजब हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे और यही नहीं है केंद्र पूरी ओर से हिमाचल प्रदेश को मदद कर रहा है और चाहे NDRF की टीम भेजने की बात हो,SDRF की बात हो या वायु सेना के हेलीकाप्टर भेजने की बात हो,
और इसके अलावा प्रदेश की ओर से जब भी आग्रह किया गया, जो भी आग्रह किया गया है केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता की है.इस बीच पावंटा साहिब से भाजपा विधायक पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने सांसद सुरेश कश्यप का आभार जताया और कहा कि जल्द ही इस राहत सामग्री को प्रभावित लोगों तक पहुंचाया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री से लगातार आग्रह कर रहे हैं कि प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाए.सुखराम चौधरी ने कहा – जिला सिरमौर में जहां जहां भी आवश्यकता है.वहां पर पूछकर जो है सामग्री को भेजा जाएगा.और भी लोगों की जो आवश्यकताएं हैं.आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय जी से हम आग्रह करके, निवेदन करके सरकार से जो है हम लगातार प्रशासन से भी बातचीत करके लोगों की जो समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं.