चंबा न्यूज़ : अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला हस्तिशिल्पियों के लिए बना बेहतर मंच
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चंबा न्यूज़ : अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला हस्तिशिल्पियों के लिए बना बेहतर मंच
चंबा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के दौरान हस्त शिल्पियों को एक बेहतर मंच प्रदान करने के उद्देश्य से भाषा व संस्कृति विभाग के तत्वावधान में शिल्प मेले का आयोजन किया गया हैं.
इस मेले के दौरान GI Tag चंबा चप्पल, चंबा रुमाल को स्टाल मुहैया करवाया गया हैं. वहीं ज़िले के पारंपरिक धातु शिल्प कला सहित प्राचीन कलाओ से जुड़े कलाकारों को भी एक मंच प्रदान किया गया है.
इस शिल्प मेले में सत्रह वर्षीय युवा चित्रकार कैफ खान के चित्र भी खासे आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.डायरी टाइम्स से बातचीत में कैफ खान ने बताया कि वह पंद्रह से बीस मिनट में किसी भी व्यक्ति का हूबहू चेहरा तैयार कर लेते हैं.
उन्होंने शिल्प मेले के दौरान उन्हें स्टाल दिए जाने के लिए भाषा व संस्कृति विभाग का आभार जताते हुए भविष्य में चित्रकला कार्य को जारी रखने की बात भी कही.
उन्होंने कहा – यह पहली बार आर्ट और क्राफ्ट का मेले लगाया गया और उसमें मुझे अब प्रदर्शनी लगाने का स्थान दिया गया.
यहां पर बड़े सारे बड़े सारे लोग मेंरे चित्रों को देख रहे हैं और मेरी सराहना कर रहे हैं और मैं कई तरह के चित्र बनाता हूं जैसे कि कैनवास चित्रकला, वाटर कलर, पेंसिल स्केचिंग और कई तो मिनिएचर भी बनाता हूं.
मैं प्रशासन का शुक्रगुज़ार हूं उन्होंने मुझे मेरी पेंटिंग प्रदर्शनी के लिए स्टाल दिया और मैं यहां पर अपनी चित्रकला का प्रदर्शन भी कर सकता हूं और यहां पर अपनी पेंटिंग बेच भी सकता हूं.और मैं हूबहू व्यक्ति का चित्र भी बना रहा हूँ आज कल पंद्रह से बीस मिनट के अंदर.
एक अन्य हस्तशिल्पी अनिल कुमार ने कहा कि वे पिछले वर्षों से चंबा चप्पल की कला से जुड़े हैं और चंबा चप्पल को GI tag मिलने के बाद इसकी मांग और अधिक बढ़ गई है.इस साल दो हज़ार तेईस मिंजर मेले में बड़ी हर्ष की बात है कि जिला भाषा व संस्कृति विभाग व प्रशासन द्वारा हमें यह प्लेटफार्म मुहैया करवाया गया जो कि हम कारीगर वर्ग के लिए बहुत ही एक boosting का काम करता है क्योंकि जब तक हमारे पास यह प्लेटफार्म नहीं होगा, मार्केटिंग नहीं होगी, तब तक हम अपने प्रोडक्ट को किस तरह से highlight व प्रदर्शित कर पाएंगे.
आज मुझे जो यह यहां पर अपने प्रोडक्ट को डिस्प्ले करने का मौका मिला है तो इसमें मैंने यह जो चंबा चप्पल है जोअपना वजूद खोती जा रही है कढ़ाई वाली उसकी मैंने सबसे ज़्यादा यहां पर वैरायटी रखी हुई है और लोग यहां पर आ रहे हैं,
वो इसको पसंद कर रही हैं और हम इससे हमारे काम को काफी खासा उत्साह मिल रहा है
और मेरे साथ जो टीम जुड़ी हुई है काम करने वाली उनके लिए भी यह बहुत ही हर्ष की बात है कि हमें ऐसा मौका प्रदान किया किए गया प्रशासन द्वारा, वह भाषा विभाग एवं संस्कृत विभाग द्वारा और आगे भी मैं प्रशासन से मैं यही गुज़ारिश करूंगा कि हमें इस प्रकार के प्लेटफार्म मिलते रहें, जिससे हम अपनी आजीविका चला सके.